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ये दो गन्ने की नई किस्में कर देंगी मालामाल, रोगों से लड़ने में भी दमदार

ये दो गन्ने की नई किस्में कर देंगी मालामाल, रोगों से लड़ने में भी दमदार गन्ने की खेती भारत के किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। यह न केवल चीनी उद्योग को कच्चा माल उपलब्ध कराता है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का आधार भी है।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने गन्ने की दो नई किस्में विकसित की हैं, जो न केवल उच्च उत्पादन देती हैं, बल्कि रोगों से लड़ने में भी काफी मजबूत हैं। ये किस्में किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती हैं। आइए जानते हैं इन नई किस्मों के बारे में और कैसे ये किसानों को मालामाल कर सकती हैं।

नई किस्में और उनकी विशेषताएं

1. को.शा. 19231 (लाहिड़ी)

यह किस्म गन्ने की खेती में क्रांति ला सकती है। इसे भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (ICAR-IISR) द्वारा विकसित किया गया है।

उत्पादन क्षमता: यह किस्म औसतन 92.05 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है, जो पारंपरिक किस्मों की तुलना में काफी अधिक है।
चीनी की मात्रा: इसमें चीनी की मात्रा 17.85% होती है, जो इसे चीनी उत्पादन के लिए आदर्श बनाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है, जो गन्ने की फसल के लिए एक गंभीर समस्या है।

2. को.से. 17451 (कृष्णा)

यह किस्म भी गन्ने की खेती में उच्च उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है।

  • उत्पादन क्षमता: इसकी औसत उपज 87.96 टन प्रति हेक्टेयर होती है।
  • चीनी की मात्रा: इसमें चीनी की मात्रा 16.63% होती है, जो इसे चीनी उद्योग के लिए उपयुक्त बनाती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह किस्म लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी है, जिससे किसानों को फसल सुरक्षा में मदद मिलती है।

क्यों हैं ये किस्में खास?

1. उच्च उत्पादन: ये किस्में पारंपरिक किस्मों की तुलना में 20-25% अधिक उत्पादन देती हैं।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता: ये किस्में लाल सड़न और अन्य प्रमुख रोगों के प्रति प्रतिरोधी हैं, जिससे किसानों को फसल सुरक्षा में मदद मिलती है।
3. चीनी की अधिक मात्रा: इन किस्मों में चीनी की मात्रा अधिक होने के कारण ये चीनी उद्योग के लिए आदर्श हैं।

कैसे करें इन किस्मों की बुवाई?

1. मिट्टी का चयन: गन्ने की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
2. बुवाई का समय: इन किस्मों की बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से नवंबर और फरवरी से मार्च है।
3. बीज की मात्रा: प्रति हेक्टेयर लगभग 35,000 से 40,000 कलमों की आवश्यकता होती है।
4. सिंचाई: गन्ने की फसल को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में सिंचाई का विशेष ध्यान रखें।

किसानों के लिए सलाह

  • सही किस्म का चयन: अपने क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के अनुसार किस्म का चयन करें।
  • प्रमाणित बीज: केवल प्रमाणित बीज का उपयोग करें ताकि अच्छी पैदावार मिल सके।
  • रोग प्रबंधन: समय-समय पर कीटनाशकों का प्रयोग करें और रोगों की निगरानी करें।

गन्ने की ये दो नई किस्में किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। ये न केवल उच्च उत्पादन देती हैं, बल्कि रोगों से लड़ने में भी काफी मजबूत हैं। अगर आप भी गन्ने की खेती करते हैं, तो इन किस्मों को अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं और रोगों से दूर रह सकते हैं। सही चयन और देखभाल से गन्ने की खेती में सफलता पाई जा सकती है।

इन किस्मों को अपनाकर किसान न केवल अपनी उपज बढ़ा सकते हैं, बल्कि चीनी उद्योग को भी गुणवत्तापूर्ण कच्चा माल उपलब्ध करा सकते हैं। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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