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Gehu Ka Utpadan Kaise Badhaye: गेहूं की बालियां लंबी एवं दाने मोटे करने के तरीके

नमस्ते किसान भाई अक्सर आप यही सोचते हैं कि अगर गेहूं की फसल को अच्छी खाद और सिंचाई मिल रही है, तो उत्पादन अपने आप बढ़ जाएगा। लेकिन वास्तविकता यह है कि फसल का उत्पादन सिर्फ इन बातों पर निर्भर नहीं करता है। गेहूं की बालियों की लंबाई और उनमें दानों की गुणवत्ता पर भी खास ध्यान देना जरूरी होता है। Gehu Ka Utpadan Kaise Badhaye इसके लिए सही समय पर सही पोषक तत्वों का इस्तेमाल बेहद आवश्यक है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार आप अपनी गेहूं की फसल का उत्पादन कई गुना बढ़ा सकते हैं।

पोषक तत्वों का सही समय पर इस्तेमाल

जब गेहूं की फसल की शुरुआत होती है, तो अधिकांश किसान यूरिया, जिंक सल्फेट और पोटाश जैसे उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं। यह खाद पौधों की जड़ों और तनों को मजबूत करने के लिए होती है और शुरुआती विकास में मदद करती है। हालांकि, यह पोषक तत्व बालियों के विकास के लिए पर्याप्त नहीं होते। शुरुआत में नाइट्रोजन से पौधों की मजबूती तो बढ़ती है, लेकिन बालियों की लंबाई और उसमें दानों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

बालियों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व

बालियों का साइज बढ़ाने और उनमें दानों की गुणवत्ता सुधारने के लिए पौधों को नाइट्रोजन, मैंगनीज, फेरस और पोटाश की आवश्यकता होती है। ये पोषक तत्व पौधों में क्लोरोफिल के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण बेहतर होता है और पौधों में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। इसका असर सीधे तौर पर बालियों की लंबाई और उनमें दानों की गुणवत्ता पर पड़ता है।

तीसरी सिंचाई के समय खाद का उपयोग जाने 

तीसरी सिंचाई, जो कि गेहूं की फसल के 70-80 दिन के बाद की जाती है, बालियों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। Gehu Ka Utpadan Kaise Badhaye इस समय पौधों को अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यूरिया का इस्तेमाल इस समय बालियों के विकास में मदद करता है क्योंकि यूरिया नाइट्रोजन का प्रमुख स्रोत होता है। इसके अलावा, स्वीट फर्टिलाइजर का उपयोग भी किया जाना चाहिए, क्योंकि यह पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है और पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है।

मैग्नीशियम और मैंगनीज का योगदान

किसान भाइयों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस समय मैग्नीशियम और मैंगनीज का उपयोग एक से डेढ़ किलो प्रति एकड़ किया जाना चाहिए। ये तत्व क्लोरोफिल उत्पादन को बढ़ाते हैं और पौधों में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर करते हैं, जिससे बालियों का विकास तेजी से होता है।

खाद का सही मात्रा में प्रयोग कैसे करे 

तीसरी सिंचाई से पहले आपको यूरिया का 30 किलोग्राम प्रति एकड़ और स्वीट फर्टिलाइजर का 5 किलोग्राम प्रति एकड़ इस्तेमाल करना चाहिए। इन दोनों को मिलाकर खेत में डालें और तुरंत सिंचाई कर दें।

किसान भाइयों, गेहूं की बालियों का साइज बढ़ाने और उत्पादन में सुधार करने के लिए सही समय पर सही पोषक तत्वों का इस्तेमाल जरूरी है। सिर्फ सिंचाई और शुरुआती खाद से काम नहीं चलता। सही पोषक तत्वों का मिश्रण और उनकी सही मात्रा से गेहूं की फसल का उत्पादन कई गुना बढ़ सकता है।

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